राजस्व विभाग के प्रभार में रहने पर आलोक मेहता मंत्री द्वारा किये गए ट्रांसफर-पोस्टिंग पर क्यों लगी थी रोक, मुख्यमंत्री करे सार्वजनिक— विजय कुमार सिन्हा।

राजस्व विभाग के प्रभार में रहने पर आलोक मेहता मंत्री द्वारा किये गए ट्रांसफर-पोस्टिंग पर क्यों लगी थी रोक, मुख्यमंत्री करे सार्वजनिक— विजय कुमार सिन्हा।

पदाधिकारी के कहने पर मंत्री को बेइज्जत कर हटाना सम्पूर्ण विधायिका का अपमान, शिक्षा विभाग में अक्षम तो दूसरे विभाग में कैसे सक्षम?

धर्म से जुड़ने पर शासन होता है अनुशासित,मानवीय मूल्यों का होता है विकास,

रामराज्य का मतलब भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन।वंशवादी औऱ राज्य को कलंकित करने वाले लें सीख,

बिहार चाहता है बदलाव,34 वर्षों के शासनकाल में बड़े भाई छोटे भाई ने बिहार को किया बर्बाद,

पटना ,जनवरी 2024

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार में राजद के मंत्रियों द्वारा की जा रही लूट पर निशाना साधते हुए पूछा है कि जब नए शिक्षा मंत्री श्री आलोक मेहता राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रभार में थे तब जून 23 में उनके द्वारा ट्रांसफर पोस्टिंग किए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने क्यों रोक लगा दी थी? मुख्यमंत्री को इसे सार्वजनिक करना चाहिए।

श्री सिन्हा ने कहा कि पदाधिकारी के कहने पर शिक्षा मंत्री को हटाना सम्पूर्ण विधायिका का अपमान है।चंद्रशेखर जी को गन्ना उद्योग का प्रभार नहीं लेकर इस्तीफा दे देना चाहिए।मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि जब चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री के रूप में उनकी नजर में सक्षम नहीं थे तो गन्ना उद्योग विभाग में वे कैसे सक्षम होंगे?

श्री सिन्हा ने राजद के मंत्रियों द्वारा अपने-अपने विभागों में की जा रही लूट पर निशाना साधते हुए कहा कि उप मुख्यमंत्री के जिम्मे विभागों की हालत ख़राब है। ग्रामीण कार्य, पथ निर्माण, स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग द्वारा किए जा रहे आवंटनों में कमीशन की राशि फिक्स है। संवेदक द्वारा कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता और मुख्य अभियंता की हिस्सेदारी को समेकित कर एक ही बार बाँट दिया जाता है। प्रत्येक प्रमंडल और जोन को आवंटन प्राप्त करने से पूर्व मुख्यालय में कमीशन देना पड़ता है। प्रभारी मंत्री का हिस्सा भी तय रहता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार बड़े भाई और छोटे भाई से बदलाव चाहता है। 34 वर्षों से इनके शासन में बिहार की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो गई। शासन-प्रशासन भ्रष्टाचार का वाहक बन कर रह गया है। कानून व्यवस्था लचर हो गई है। राज्य में गुंडाराज का बोलबाला हो गया। दर्जनों बैंक डकैती हो रही है। हत्या, लूट, बलात्कार एवं अपराध रोकने में पुलिस फेल हो गई।

श्री सिन्हा ने कहा कि धर्म से जुड़ने पर शासन अनुशासित होता है। नैतिक, मानवीय, सामाजिक एवं सहयोग जन्य मूल्यों का विकास होता है। सद्भाव और समभाव शासन के दो आँख होते हैं। अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा से देश में रामराज्य की पुनर्स्थापना का दौर शुरू हो चुका है। इस युगांतकारी परिवर्तन के कारण भारत को विश्वगुरु बन्ने से कोई रोक नहीं सकता है।

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