आगामी विधान सभा सत्र में गृह विभाग के प्रश्न के लिए मात्र दो दिन का आवंटन चिंताजनक—विजय कुमार सिन्हा,
राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बाद-विवाद में भी 1 दिन की कटौती अलोकतांत्रिक,
2024-25 के बजट पर सामान्य विमर्श की समय सीमा दो दिन से घटाकर मात्र 1 दिन किया जाना दुखद,
लंबे सत्र में गैर सरकारी सदस्यों के लिए 2 दिन समय आवंटन की रही है परंपरा, इस बार मात्र 1 दिन।
पटना 20 जनवरी 2024
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने 5 फरवरी से 29 फरवरी 2024 तक के आगामी बजट सत्र के कार्यक्रम में गृह विभाग के प्रश्नों के लिए मात्र 2 दिन आवंटित किए जाने की आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य में ह्त्या, लूट, डकैती, अपहरण एवं बलात्कार की घटनाओं में भारी वृद्धि को अनदेखी कर सरकार ने सदस्यों के प्रश्न उठाने का अवसर छीन लिया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में माफियाओं द्वारा नरसंहार, जहरीली शराब से मौत, भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों औऱ ध्वस्त कानून व्यवस्था पर सदन में गृह विभाग के माध्यम से ही सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जा सकता है।पर प्रतीत होता है कि माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ ने विधानमंडल के कार्यक्रम को प्रभावित कर सदस्यों के लिए मुद्दों को उठाने में अवसरों की कमी करवा दिया।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद-विवाद एवं सरकार का उत्तर के लिए मात्र1 दिन का समय दिनांक 06-02-2024 को दिया गया है। उस दिन ही 2:00 बजे अपराह्न से वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2024 -25 का बजट पेश होगा।बजट भाषण में भी 1 घंटा का समय लगेगा।तब धन्यवाद प्रस्ताव को लिया जाएगा। पूर्वग है कि धन्यवाद प्रस्ताव पर विचार-विमर्श और सरकार के उत्तर के लिए दो दिन होते थे। पर इसबार मुश्किल से 2-3 घंटे का समय दिया गया।
श्री सिन्हा ने कहा कि कहने के लिए आगामी सत्र फुल बजट सत्र है परन्तु बजट पर सामान्य विमर्श में भी 1 दिन की कटौती कर ली गई है। 7 फरवरी 2024 को सेकेण्ड हाफ में विमर्श शुरू होगा और उसी दिन सरकार का उत्तर होगा। इस प्रक्रिया के लिए भी दो दिन का पूर्वग रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए फुल बजट सत्र में दो दिन दिए जाते थे। उसे इसबार एक दिन कर दिया गया। सामान्य सदस्यों के लिए क्षेत्र के जनहित मुद्दों को गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से उठाने के अवसर में कटौती की गई।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार ने हड़बड़ी में बजट का कार्यक्रम तैयार किया है। यह फुल बजट की खानापूर्ति है। 6 फरवरी को बजट प्रस्तुत होगा। वित्तीय वर्ष के 10 माह शेष रहेंगे। इस परिस्थिति में चालू वित्तीय वर्ष के 10 माह का वास्तविक व्यय, उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं जमीन पर वास्तविक उपलब्धि से भी विधायिका को अवगत कराना सरकार के लिए चुनौती होगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि देश में रामराज्य का सूत्रपात हो चुका है। बिहार में भी अब जंगल राज को हटाकर सुशासन की पुनर्स्थापना जरुरी है।