गोपाल यादुका हत्याकांड में पुलिस के इन्वेस्टिगेशन पर सवालिया निशान ? आईजी और एसपी के पास पहुंचे विशाल राय की मां और पिता

गोपाल यादुका हत्याकांड में पुलिस के इन्वेस्टिगेशन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 2 जून को पूर्णिया के भवानीपुर बाजार में
हुई व्यवसायी गोपाल यादुका की हत्या में पुलिस ने जिस विशाल राय को मुख्य शूटर बता रही है। विशाल राय की मां और पिता उसे निर्दोष बता रहे हैं। सीसीटीवी फूटेज का हवाला देते हुए दोनों ने बेटे विशाल को साजिश के तहत फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए, इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

भवानीपुर थाना क्षेत्र के झुग्गी बलिया, इंद्रा कालोनी के कदवा वासा निवासी 55 वर्षीय अंजना देवी और उनके पति सुरेंद्र राय 60 शुक्रवार को भवानीपुर से चलकर जिला मुख्यालय स्थित आईजी दफ्तर और एसपी दफ्तर बेटे को बेगुनाह बताते हुए आवेदन लेकर पहुंचीं। दोनों का कहना है कि इस केस की निष्पक्ष जांच हो, अगर उनका बेटा दोषी पाया जाए तो उसे फांसी दे दी जाए। वे हंसते हुए इसे स्वीकार कर लेंगे। वे दोनों सिर्फ इस उम्मीद के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे हैं क्योंकि वो ये जानते हैं उनका बेटा विशाल राय पूरी तरह निर्दोष है।

2 जून को हुई हत्या वाले दिन का जिक्र करते हुए मां अंजना देवी और पति सुरेंद्र राय ने बताया कि बेटा विशाल हर रविवार बी.कोठी प्रखंड के बरुनेश्वर स्थान मंदिर पूजा करने जाता था। 2 जून यानी रविवार को भी
बाकी रविवार की तरह सुबह करीब 8 बजे सो कर उठा और 9 बजे के आसपास मंदिर के लिए निकल गया। खबर के माध्यम से उन्हें और उनके बेटे को घटना की जानकारी हुई। 18 को पुलिस उनके घर पहुंची और विशाल को खदेड़ने लगी। इन सब से विशाल पूरी तरह सहम गया और भागने लगा। जिस पर पुलिस ने आसमानी फायरिंग भी की। इसके बाद उनके बेटे विशाल राय को खदेड़कर पकड़ लिया, बगैर कुछ कहे पुलिस वैन में बिठाकर थाना लेकर चली गई। जब वे दोनों इसके बाद बेटे से मिलने थाने पर गई, तो बेटे ने खुद को निर्दोष बताते हुए ये बताया कि जिस मंदिर में वो पूजा करने जाता है वहां सीसीटीवी कैमरा लगा है। पुलिस का कहना है कि 10:12 के आसपास ये घटना हुई है। एफआईआर में भी इसी समय का जिक्र है। जबकि उस वक्त मैं बी.कोठी प्रखंड के बरुनेश्वर स्थान मंदिर में पूजा कर रहा था। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मुझे इस मामले में साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। बेटे ने हमदोनों को बताया कि अगर उन्हें मेरी बातों पर यकीन नहीं तो आप मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में कैद सीसीटीवी फूटेज चेक कर लें। या फिर वहां माैजूद पंडितों से पूछ लें कि मैं वहां पूजा करने गया था या नहीं। किस वक्त और कितनी देर रहा ये सीसीटीवी कैमरा बता देगा।

इसके बाद वे दोनों बरुनेश्वर स्थान मंदिर गए। मंदिर के पंडितों से पूछने पर ये मालूम हुआ, कि उस रोज 2 जून को वो मंदिर पूजा करने आया था। इसके बाद उन्होंने सीसीटीवी कैमरा दिखाने का पंडितों से अनुरोध किया। इसपर मंदिर के सीसीटीवी का फूटेज दिखाया गया। सीसीटीवी फूटेज में 2 जून रविवार को उनका बेटा विशाल राय 10:13 के आसपास मंदिर में पूजा करता हुआ दिखा। वो ब्लू ग्रे शर्ट में था। उसके हाथ में पूजा की लोटनी था। इसके बाद उन्होंने पूरे सीसीटीवी फूटेज को एक मोबाइल फोन की मदद से रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद उन्होंने थाने आकर पता लगाया तो उन्हें ये मालूम हुआ कि पुलिस की एफआईआर में व्यवसायी गोपाल यादुका के मर्डर का समय 10:12 के आसपास है जबकि भवानीपुर के भवानीपुर बाजार स्थित मृतक व्यवसायी गोपाल यादुका के घर से बी.कोठी प्रखंड के बरुनेश्वर स्थान मंदिर की दूरी 25 किलोमीटर के आसपास है। सड़क की हालत भी बेहद जर्जर है। ये दूरी 2 मिनट में तो तय नहीं की जा सकती। जबकि सड़क इतनी खस्ताहाल है कि इस दूरी को तय करने में कम से कम आधे घंटे का समय लगेगा।

आगे उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फूटेज के अलावा उनके पास भवानीपुर अनुमंडलीय अस्पताल के उस रजिस्टर की तस्वीर है। जिसमें गोली लगने के बाद हॉस्पिटल में एडमिट कराए जाने का समय सुबह के 10 बजकर 20 मिनट लिखा है। पुलिस की थ्यूरी के हिसाब से ही 10:12 में गोली चली। भवानीपुर बाजार स्थित मृतक व्यवसायी गोपाल यादुका के घर से अस्पताल की दूरी 300 मीटर है। महज ये दूरी तय करने में जब 5 मिनट का समय लगा, तो फिर 25 किलोमीटर की दूरी कैसे 2 मिनट में तय की जा सकती है। वे इसके बाद रास्ते में आने वाला पेट्रोल पंप भी गए, मगर उन्होंने सीसीटीवी फूटेज दिखाने से इनकार कर दिया। बेटे ने बताया कि मंदिर में उनके साथ उनका मोबाइल फोन भी था। पुलिस पुलिस उस वक्त का मोबाइल लोकेशन ट्रेस की जा सकती है।

विशाल के माता पिता ने बताया कि ये सारे तथ्य और प्रमाण देखने के बाद वे बेटे के इंसाफ के लिए लड़ रही हैं। उन्होंने कोर्ट में बेल के लिए भी दिया है। इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर वे आईजी और फिर एसपी कार्यालय पहुंचे । वहीं समूचे घटनाक्रम में गोपाल यादुका के भाई विमल यादुका का कहना है कि ये मुमकिन है कि हत्यारें कोई और हों।

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