एन्क्वास कार्यक्रम: हसनगंज प्रखंड के एपीएचसी महमदिया और एचडब्ल्यूसी रतनी, रामपुर और दहियारगंज में बेहतर सुविधा के लिए प्रमाणीकरण प्राप्त करने की हो रही तैयारी
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य करने में स्वास्थ्य संस्थानों की सराहनीय भूमिका: सिविल सर्जन
- संस्थागत और सुरक्षित प्रसव में एन्क्वास की महत्वपूर्ण भूमिका: डीपीएम
- निरीक्षण टीम के निर्देश पर अधूरे कार्यों को अविलंब किया जा रहा पूरा : डीसीक्यूए
कटिहार, 29 फरवरी
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन्क्वास) कार्यक्रम के तहत जिले के हसनगंज प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महमदिया के साथ साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्लूसी) रतनी, रामपुर और दहियारगंज में लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए वहां की व्यवस्था को एनक्वास प्रमाणीकरण दिलवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी रवि प्रकाश और सिविल सर्जन डॉ जितेन्द्र नाथ सिंह की दिशानिर्देश के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं का अंकेक्षण करते हुए चिन्हित कमियों को दूर किया जा रहा है। बहुत जल्द राज्य स्तरीय निरक्षण टीम द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करते हुए वहां मरीजों के लिए उपलब्ध गुणवत्ता आश्वाशन मानक की जांच की जाएगी। इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति से जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ किशलय कुमार, हसनगंज प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर सी ठाकुर, डीपीसी मजहर आमीर और डेवलोपमेन्ट पार्टनर में जापाइगो से डॉ गंगेश द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों का लगातार निरक्षण किया जा रहा है। इस दौरान सभी सभी स्वास्थ्य केंद्रों के सीएचओ द्वारा अधिकारियों के विश्लेषण के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य करने में स्वास्थ्य संस्थानों की सराहनीय भूमिका: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस यानी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी हम सभी की होती है। संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को लेकर अस्पतालों में सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने चाहिए। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती है। जिसमें राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक लक्ष्य कार्यक्रम एवं कायाकल्प योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। ताकि प्रसव के दौरान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य किया जा सकता है।
संस्थागत और सुरक्षित प्रसव में एन्क्वास की महत्वपूर्ण भूमिका: डीपीएम
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) भगवान प्रसाद वर्मा ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों सहित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) में भी चिकित्सीय व्यवस्था में बेहतर सुधार किया जा रहा है। गुणात्मक सुधार में जिलाधिकारी और सिविल सर्जन सहित कई अन्य अधिकारियों के दिशा निर्देश और मार्गदर्शन के तहत स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। ताकि ग्रामीण स्तर पर संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को सहज और सरल और तरीके से कराया जा सके। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों के प्रयास से स्वास्थ्य केंद्रों के बेहतर क्रियान्वयन में बहुत सफलता भी मिल रही है। संस्थागत और सुरक्षित प्रसव में कायाकल्प योजना, लक्ष्य कार्यक्रम और राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
निरक्षण टीम के निर्देश पर अधूरे कार्यों को अविलंब किया जा रहा पूरा : डीसीक्यूए
जिला सलाहकार, गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ किसलय कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक को लेकर मिशन 60 days के तहत हसनगंज प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का सिविल सर्जन डॉ जितेंद्रनाथ सिंह के दिशा-निर्देश के आलोक में लगातार अंकेक्षण किया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्रों पर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुरूप चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाया जा रहा है।
बहुत जल्द राज्य मुख्यालय की ओर से निरक्षण टीम आने वाली है। उसके पहले जिलास्तर पर गठित टीम द्वारा भी स्वास्थ्य केंद्रों का भ्रमण कर उपलब्ध सुविधाओं की जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर एन्क्वास के मापदंडों के आधार पर खड़ा उतारने को लेकर सभी तरह की तैयारियां चल रही हैं। ताकि किसी प्रकार से कोई कमी नही रहे।