कटिहार जिले के 08 स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प योजना के तहत किया गया पुरस्कृत
- अस्पताल प्रबंधन को पुरस्कार के रूप में मिलेगा 1 लाख रुपए
- कायाकल्प योजना के तहत 70 अंक से अधिक लाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जाता है पुरस्कार
- कायाकल्प योजना के तहत सात बिंदुओं पर तय होता है अस्पताल का अंक
कटिहार,
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कायाकल्प योजना के तहत राज्य के उत्कृष्ट अस्पतालों की रैंकिंग जारी कर दी गई है। इसमें कटिहार जिले के 08 स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प योजना की रैंकिंग मिली है। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बरारी को 91.1 अंको के साथ राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इसके साथ सीएचसी आजमनगर को 86.4 अंको के साथ 10वां स्थान, सीएचसी कोढ़ा को 85.7 अंको के साथ 12वां स्थान, एसडीएच मनिहारी को 85 प्रतिशत अंको के साथ 14वां स्थान, सीएचसी दंडखोरा को 84.2 अंकों के साथ 16 वां स्थान और सीएचसी फलका को 78.1 अंकों के साथ 32 वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसके साथ साथ में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) की रैंकिंग में यूपीएचसी तेजगंज फसिया को 12वां और यूपीएचसी सरीफगंज को 15 वां स्थान मिला है। इन सभी अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सराहना पुरस्कार के रूप में सहायता राशि प्रदान की जाएगी । जिसमें से कुछ राशि अस्पताल कर्मियों को तथा शेष राशि अस्पताल में कायाकल्प अंतर्गत चिह्नित कमियों को दूर करने के लिए किया जाएगा।
अस्पताल प्रबंधन को पुरस्कार के रूप में मिलेगा 1 लाख रुपए :
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंकलन के आधार पर अंक दिया जाता है। इसके तहत 70 अंको से अधिक अंक प्राप्त किये हुए अस्पतालों को अंको के आधार पर रैंकिंग करते हुए संस्थान को सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसमें समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की श्रेणी में जिले के छः अस्पतालों को 70 से अधिक अंक प्राप्त हुआ है। इसके तहत इन सभी अस्पतालों को कायाकल्प योजना के तहत सराहना राशि के रूप में 1-1 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। कायाकल्प योजना के तहत दिए गए राशि में से 25 प्रतिशत का उपयोग अस्पताल के कर्मचारियों/स्टाफ के बीच प्रोत्साहन राशि के रूप में वितरण करने में किया जाएगा। शेष बची हुई 75 प्रतिशत राशि का उपयोग एनक्यूएएस तथा कायाकल्प योजना अंतर्गत चिह्नित कमियों को दूर करने में किया जाएगा।
कायाकल्प योजना के तहत 70 अंक से अधिक लाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जाता है पुरस्कार:
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) भगवान प्रसाद ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत अस्पताल के विभिन्न श्रेणी में 70 अंक से अधिक अंक लाने वाले अस्पतालों को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की श्रेणी में जिले के छः प्रखंड अस्पतालों के साथ ही शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के श्रेणी में भी जिले के दो अस्पतालों को चिन्हित किया गया है। इसके तहत उन्हें सहायता राशि प्रदान किया जाएगा जिससे कि वहां का और विकास को सके। प्राप्त राशि के आधार पर कायाकल्प योजना के तहत चिह्नित कमी को दूर करने में किया जाएगा। डीपीएम ने बताया कि सभी अस्पतालों को सुचारू रूप से संचालित करने में स्वास्थ्य चिकित्सकों और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनके योगदान के कारण अस्पताल को विभिन्न योजना के तहत बेहतर रैंकिंग प्राप्त होता है। इसके लिए उन सभी अस्पताल कर्मियों का प्रयास सराहनीय है।
कायाकल्प योजना के तहत सात बिंदुओं पर तय होता है अस्पताल का अंक
जिला सलाहकार, गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ. किशलय कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व रख-रखाव सहित कई अन्य तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कायाकल्प योजना शुरूआत की गई है। योजना के तहत अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बाद सात बिंदुओं पर अस्पताल का अंक तय होता है। सबसे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले दो जिला अस्पताल को प्रथम व द्वितीय पुरस्कार मिलता है। अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने लगभग 50 सुविधाओं पर फोकस किया है। जिसके तहत कुछ मुख्य सुविधाएं हाईजीनिक, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, रजिस्ट्रेशन काउंटर, हॉस्पिटल इंफेक्शन प्रिवेंशन मैनेजमेंट रिकॉर्ड कीपिंग, मेडिसन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, मरीजों से स्टाफ का व्यवहार, स्पोर्ट सर्विस, मरीजों से फीडबैक व अन्य गतिविधियां शामिल हैं। इसके आधार पर अस्पतालों को अंक देते हुए उसमें चिन्हित कमियों को दूर करने का निर्देश दिया जाता है। जिले के08 अस्पतालों को कायाकल्प योजना के तहत मिले रैंकिंग में जिलाधिकारी रवि प्रकाश, सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह के साथ डीपीएम, एसीएमओ, सीडीओ, एमसीडीओ, पिरामल फाउंडेशन (स्वास्थ्य) एवं अन्य सहयोगी डेवलपमेंट पार्टनर की अहम भूमिका रही है।