प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
मातृ शिशु मृत्यु रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच आवश्यक:—
- सभी स्वास्थ्य केंद्रों में हर माह दो दिन होता है विशेष प्रसव पूर्व जांच
- शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में निजी महिला चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा सहयोग
- जटिल प्रसव से संबंधित महिलाओं की पहचान के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी
नौ माह के गर्भावस्था में माता और होने वाले शिशु को स्वस्थ रखना आवश्यक होता है। उन दोनों के स्वस्थ रहने की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है।
इसके तहत हर माह के 09 और 21 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराई जाती है।
इससे उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें उचित उपचार उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि होने वाले बच्चे और गर्भवती महिला बिल्कुल स्वास्थ्य और सुरक्षित रह सके।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की जांच और उपचार बिल्कुल निःशुल्क उपलब्ध है।इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को इसका आवश्यक लाभ जरूरी उठाना चाहिए।
प्रसव पूर्व जांच का उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है :— सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच का मुख्य उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है।
इसके लिए प्रसव पूर्व जांच जिसे चिकित्सकीय भाषा में एंटी नेटल केयर (एएनसी) जांच कहते हैं यह सुरक्षित प्रसव के लिहाज से बेहद जरूरी है।
यह जच्चा एवं बच्चा दोनों के सेहत एवं सुरक्षित को सुनिश्चित करता है। एएनसी जांच में मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं का वजन, रक्तचाप, रक्तहीनता, मधुमेह एवं एचआईवी जैसी जांच की जाती है।
इससे गर्भस्त शिशु की वास्तविक स्थिति और उनके विकास का आंकलन किया जाता है।
नियमित जांच करवाने से परिस्थितियों के अनुसार गर्भवती महिला को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है जिससे कि होने वाले बच्चे और माँ बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित रह सके।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में निजी महिला चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा सहयोग
सामान्य एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी स्वास्थ्य केन्द्र में हर माह प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है।
आम लोगों को इसके प्रति जागरूक करने और स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने के लिए सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी द्वारा शहर के निजी महिला चिकित्सकों को से सामंजस्य स्थापित किया गया है।
इसके तहत शहर के सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान निजी महिला चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है।
जांच के बाद महिलाओं को आवश्यक दवाई देने के साथ उन्हें गर्भावस्था के दौरान ध्यान रखने योग्य बातों की भी जानकारी दी जाती है।
इसके साथ साथ जटिल गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें विशेष चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है जिससे कि माँ और बच्चे बिल्कुल सुरक्षित रह सके।
इसके लिए यूपीएचसी पूर्णिया कोर्ट में डॉ. अंजू करण एवं डॉ. शिपिका द्वारा, यूपीएचसी माता चौक में डॉ. विभा झा और डॉ. आरती सिन्हा द्वारा, यूपीएचसी पूर्णिया सिटी में डॉ. दिव्यांजली सिंह द्वारा, यूपीएचसी मधुबनी में डॉ. अनुराधा सिन्हा द्वारा, यूपीएचसी माधोपाड़ा में डॉ. रानी मिहनाज सिद्दीकी द्वारा और यूपीएचसी गुलाबबाग में शिनानी सिंह द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
यूपीएचसी पूर्णिया कोर्ट में कार्यरत डॉ. अंजू करण ने बताया कि पहले जिले में मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए लोगों को गर्भावस्था की नियमित जांच करवानी आवश्यक है।
इसके लिए जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में निजी महिला चिकित्सकों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है जिससे कि गर्भवती महिला नियमित समय पर अस्पताल पहुँचकर जांच करवा सकें।
इससे प्रसव के दौरान माँ बिल्कुल स्वास्थ्य रहेंगी और होने वाले बच्चे तंदुरुस्त हो सकेंगे।
जटिल प्रसव से संबंधित महिलाओं की पहचान के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी
जिला कार्यक्रम समन्यवक डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह एवं जिलाधिकारी कुंदन कुमार के दिशा-निर्देश में जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में जिला स्तर से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक नियत समय पर गर्भवती महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच एवं इस दौरान जटिल प्रसव/उच्च जोखिम वाली महिलाओं की खोज हो सकेगी। इससे उन्हें समय पर आवश्यक मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी जिससे कि प्रसव के दौरान या उससे पहले माँ व बच्चे की मृत्यु को रोका जा सके। इससे लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं।
जांच के लिए उपलब्ध हो रहे गर्भवती महिलाओं को जांच के साथ स्वास्थ्य केन्द्र में नास्ता भी प्रदान किया जाता है जिससे कि गर्भवती महिला बिल्कुल स्वस्थ रह सके।