मर्जी होती है तभी सरेंडर करते हैं अपराधी, इनकी गिरफ्तारी में पुलिस रहती है नाकाम—विजय कुमार सिन्हा,
जनप्रतिनिधियों की पुलिस अधिकारियों द्वारा उपेक्षा के कारण दबती है जनता की आवाज़,
प्राथमिकी दर्ज कराने वाले औऱ आरोपियों दोनों से पुलिस करती है वसूली,
थाना से जिला तक सभी स्तरों पर पहुंचता है बसूली का कमीशन,
भ्रष्ट औऱ दोषी पुलिस कर्मियों को दंडित करने के लिए चले स्पीडी ट्रायल औऱ उनकी सम्पत्ति हो जप्त।
पटना,24 दिसम्बर2023
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में पुलिस प्रशासन की अकर्मण्यता औऱ बिफलता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अपराधी अपनी मर्जी होने पर ही न्यायालय में समर्पण करते हैं।पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाती है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य के लोगों ने देखा है कि आई पी एस आदित्य कुमार हो अथवा लखीसराय नरसंहार का मुख्य अभियुक्त आशीष चौधरी हो, हरेक मामलों में इन्होंने खुद न्यायालय के समक्ष समर्पण किया है।
जमुई में दरोगा की हत्या का अभियुक्त खुद न्यायालय जाकर अपनी गिरफ्तारी दी।पुलिस इन्हें खोजने औऱ गिरफ्तार करने में विफल रही।क्या राज्य के मुखिया औऱ पुलिस महकमा के मुखिया इन तथ्यों से अवगत नहीं है?
राज्य की जनता जानना चाहती है कि क्या इन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने प्रयास किया?चर्चा है कि पुलिस खुद अपराधियों को संरक्षण देती है।
श्री सिन्हा ने कहा कि थानों में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले औऱ आरोपियों, दोनों से पुलिस वसूली करती है।इसका वाजप्ता डायरी में हिसाब रखा जाता है।
थाना से जिला तक इसका वटबारा होता है।हिसाब और बंटबारा में कम वेसी होने पर इनके बीच झरप भी होती है।अंतिम रूप से जिला स्तर पर इसका निपटारा होता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि अच्छे औऱ ईमानदार पुलिस पदाधिकारी को फील्ड पोस्टिंग नहीं किया जाता है।भ्रष्ट औऱ सत्ता के नजदीकी पदाधिकारी को जिला में पदस्थापित कर लूट की छूट दी जाती है।
थाने में जप्त शराब को पुनः माफियाओं के हाथों पुलिस बेच देती है।हाल ही में वैशाली जिले में थाने में जप्त शराब को बेचते समय पकड़ा गया।श्री सिन्हा ने कहा कि शराव वंदी को विफल करने में पुलिस महकमा का बड़ा योगदान है।
सरकार को उपर से नीचे तक भ्रष्ट अधिकारियों औऱ कर्मियों की पहचान कर स्पीडी ट्रायल चलाकर उनकी सम्पत्ति भी जप्त की जाय।श्री सिन्हा ने कहा कि पुलिस कर्मियों के द्वारा जनप्रतिनिधियों का अपमान किया जाता है।
लोगों की शिकायत औऱ उसका निवारण हेतु जब जनप्रतिनिधियों के द्वारा पुलिस कर्मियों से सम्पर्क किया जाता है तो उसपर ध्यान नहीं दिया जाता है।
महागठबंधन के अनेक विधायकों ने वैठक में मुख्यमंत्री को भी अबगत कराया।पर कार्रवाई नहीं हुई।इसके कारण भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का मनोबल बढ़ गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि पुलिस के लोगों के द्वारा अब न्यायालय की भी अवमानना आम बात हो गई है।आज आम लोगों के लिए न्यायालय ही एकमात्र सहारा रह गया है।अधिकारी न्यायालय में भी रटा रटाया जबाब देते हैं।