विश्व रक्तदान दिवस पर जीएमसीएच ब्लड बैंक में लगाया गया शिविर
-शिविर में शाम 05 बजे तक 27 यूनिट रक्त का हुआ कलेक्शन
-पूर्व से ब्लड बैंक में उपलब्ध है 199 यूनिट खून
-एक यूनिट खून से तीन लोगों को मिल सकता है जीवनदान : अस्पताल अधीक्षक
-ब्लड बैंक इंचार्ज अपने जीवनसाथी के साथ लगातार करते हैं रक्तदान
पूर्णिया, 14 जून
विश्व रक्तदान दिवस पर जिले के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित शिविर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों के साथ साथ अन्य सामान्य लोगों द्वारा लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपना रक्तदान किया गया। इस दौरान चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल अधीक्षक डॉ संजय कुमार द्वारा रक्तदान शिविर का निरक्षण करते हुए सभी रक्तदाता के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली गई। विश्व रक्तदान दिवस पर आयोजित शिविर में शाम 05 बजे तक 27 यूनिट रक्त का संग्रह हो गया है।
पूर्व से ब्लड बैंक में उपलब्ध है 199 यूनिट खून :
वर्तमान समय में लोग बहुत से गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इस दौरान उनके शरीर में शामिल खून में कमी होने लगती है और उन्हें चिकित्सकीय जांच के बाद तत्काल खून चढ़ाने का निर्देश दिया जाता है। ऐसे में जिसके घर बीमार व्यक्ति के ग्रुप के अनुसार खून नहीं होता तो उन्हें बहुत परेशानी होती है। इसके लिए सम्बंधित व्यक्ति द्वारा ब्लड बैंक से अपना खून देकर वहां से बीमार व्यक्ति के ग्रुप का खून लिया जाता है। इससे बीमार व्यक्ति का तत्काल इलाज सुलभ हो जाता है और वे सुरक्षित हो जाते हैं। इसके अलावा बहुत से गम्भीर बीमारियों का अस्पताल में इलाज करवाने के दौरान उन्हें अस्पताल द्वारा खून उपलब्ध कराई जाती है। इसमें राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। यहां से पूर्णिया में इलाज कराने वाले लोगों को तत्काल रक्त उपलब्ध हो जाता है जिससे कि संबंधित व्यक्ति अपनी बीमारी को मात देकर स्वास्थ हो जाते हैं। इसके लिए मेडिकल कालेज ब्लड बैंक में हमेशा खून पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखा जाता है। इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा सामान्य स्वास्थ्य लोगों को भी खून हर तीन महीने में अपना रक्तदान करने के लिए जागरूक किया जाता है जिससे कि उनके रक्त के किसी जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित किया जा सके। विश्व रक्तदाता दिवस से पूर्व मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में 199 यूनिट रक्त सुरक्षित रखा गया था जिसमें +A, -A, +B, -B, +O और +AB ग्रुप के रक्त उपलब्ध थे। शिविर के बाद ब्लड बैंक में और अधिक खून उपलब्ध हो सकेंगे जिससे जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सहयोग उपलब्ध हो सकेगा।
एक यूनिट खून से तीन लोगों को मिल सकता है जीवनदान : अस्पताल अधीक्षक
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के अस्पताल अधीक्षक डॉ संजय कुमार ने बताया कि सामान्य लोगों के शरीर में न्यूनतम 1.5 लीटर खून उपलब्ध करता है जो लोगों को शरीर में शामिल विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सहयोग करता है। कोई व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रसित हो जाता है तो उन्हें संबंधित बीमारी के अनुसार रक्त में कम हो रहे रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा या प्लेटलेट्स को लेने की जरूरत होती है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में स्प्रिंग सेपरेटर मशीन उपलब्ध है जहां से रक्त के सभी भाग को अलग अलग किया जाता है। फिर जरूरत के अनुसार संबंधित व्यक्ति को सामान्य खून के साथ साथ खून में शामिल रेड ब्लड सेल, प्लाज्मा व प्लेटलेट्स को अलग अलग करके उपलब्ध कराया जाता है। एक यूनिट खून को अलग करके एक ही समय में अलग अलग बीमारी से ग्रसित तीन व्यक्ति को तत्काल लाभ मिल सकता है और वे बीमारी से सुरक्षित हो सकते हैं। डॉ संजय कुमार ने बताया कि रक्तदान करने से समान्य लोगों के शरीर से एक यूनिट (350मि.ग्रा.) खून लिया जाता है जिसमें 200मि.ग्रा. रेड ब्लड सेल की, 100मि.ग्रा. प्लाज्मा और 50मि.ग्रा. प्लेटलेट्स उपलब्ध होता है। इसे अलग अलग कर के बीमार के अनुसार मरीजों को उपलब्ध कराई जा सकती है जिससे ग्रसित मरीज के निश्चित समय में स्वास्थ्य होने की पूरी संभावना बन सकती है। ब्लड बैंक में सामान्य खून को 35 दिन तो प्रति यूनिट खून से अलग अलग करने पर खून में शामिल रेड ब्लड सेल को 42 दिन, प्लाज्मा को 01 साल और प्लेटलेट्स को 05 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
ब्लड बैंक इंचार्ज अपने जीवनसाथी के साथ लगातार करते हैं रक्तदान :
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के ब्लड बैंक इंचार्ज शंकर प्रसाद द्वारा समय समय पर रक्तदान करते हुए जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित करने का भरसक प्रयास करते हैं। इसमें उनकी जीवनसाथी का भी बेहतरीन सहयोग मिल रहा है। 52 वर्षीय ब्लड बैंक इंचार्ज शंकर प्रसाद ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में 19 वर्ष की आयु से जरूरतमंद लोगों को रक्तदान करते हुए रक्त उपलब्ध कराने की शुरुआत की थी। जीवन के इस स्तर तक उनके द्वारा 50 से अधिक बार रक्तदान किया गया है। उनके इस कार्य में उनकी जीवनसाथी सुनीता सिंह द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। सुनीता सिंह द्वारा भी जीवन में अबतक 15 से अधिक बार रक्तदान किया गया है। उन्होंने बताया कि हमारे एक यूनिट खून से किसी जरूरतमंद की जीवन सुरक्षित हो सकती है। रक्तदान एक महादान है जिसे करने से किसी को कोई समस्या नहीं होता है। इसलिए सभी सामान्य लोगों को तीन महीने के अंतराल पर रक्तदान जरूर करना चाहिए ताकि किसी जरूरतमंद लोगों की मदद हो सके।