गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) में पूर्णिया जिला राज्य में सबसे आगे
-अप्रैल में गर्भावस्था के प्रथम तिमाही के अंदर पूर्णिया के लक्ष्य से अधिक 112 प्रतिशत महिलाओं के कराया है एएनसी जांच
-आरोग्य दिवस और टेलीकंस्लटेंसी सुविधा से ज्यादा लोग उठा रहे लाभ
-प्रसव पूर्व जांच से उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं को किया जाता है चिन्हित
पूर्णिया, 23 मई
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से नियमित गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) सुविधा सुनिश्चित की जाती है। इससे जन्म से पूर्व ही होने वाले बच्चे और महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए उनके सुरक्षित प्रसव की सुविधा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। नई गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के प्रथम तिमाही के दौरान ही प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) सुविधा उपलब्ध कराने में पूर्णिया जिला राज्य में पहले स्थान पर है। अप्रैल माह में पूर्णिया जिले से निश्चित लक्ष्य से आगे बढ़ते हुए 112 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं द्वारा गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में ही प्रसव पूर्व जांच सुविधा का लाभ उठाया गया है। गर्भवती महिलाओं के प्रथम तिमाही के दौरान एएनसी जांच में अररिया जिला राज्य में दूसरे स्थान पर है जहां अप्रैल माह में 105 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई है।
अप्रैल में 12 हजार 054 महिलाओं ने कराया एएनसी जांच :
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व जांच सुविधा उपलब्ध है जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों के निगरानी में गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है। अप्रैल महीने में पूर्णिया जिले में 12 हजार 054 महिलाओं द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व जांच सुविधा का लाभ उठाया गया। इनमें से 10 हजार 742 गर्भवती महिलाओं द्वारा गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में ही एएनसी जांच सुविधा का लाभ उठाया गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1000 जनसंख्या के अनुसार उसमें 28 बढ़ने का लक्ष्य निर्धारित है। जनसंख्या के अनुसार पूर्णिया जिले में प्रति माह 09 हजार 526 महिलाओं के प्रथम तिमाही के प्रसव पूर्व जांच निर्धारित किया गया है। लक्ष्य से आगे बढ़ते हुए पूर्णिया जिले में अप्रैल माह में 112 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं द्वारा गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में एएनसी जांच कराया गया है। समय से एएनसी जांच करवाने पर स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ के साथ उनके होने वाले बच्चों की स्थिति और निश्चित समय में उनके सुरक्षित प्रसव की जानकारी देते हुए गर्भावस्था के दौरान आवश्यक चिकित्सकीय सुविधा का लाभ प्रदान किया गया है।
आरोग्य दिवस और टेलीकंस्लटेंसी सुविधा से ज्यादा लोग उठा रहे लाभ :
गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच कराने में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न सुविधाओं का संचालन किया जाता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरोग्य दिवस और टेलीकंस्लटेंसी सुविधाओं प्रदान किया जाता है। इससे समय पर गर्भवती महिलाओं की पहचान करते हुए उनकी समय पर मोनिटरिंग सुनिश्चित की जाती है। गर्भावस्था के प्रथम तिमाही के दौरान ही गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य और सुविधा के लिए प्रसव पूर्व जांच करवाना सुनिश्चित किया जाता है। समय पर जांच होने से गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक द्वारा गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चों के बेहतर स्वास्थ के लिए आवश्यक मेडिकल सहायता प्रदान किया जाता है जिससे कि मां ओर बच्चा बिल्कुल स्वास्थ रह सकें और समय पर वे सुरक्षित प्रसव सुविधा का लाभ उठा सके।
प्रसव पूर्व जांच से उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं को किया जाता है चिन्हित :
सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि समय पर प्रसव पूर्व जांच कराने से गर्भवती महिला और होने वाले बच्चे के स्वस्थ की जानकारी परिजनों को समय से मिल सकता है। एएनसी जांच के दौरान उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं की पहचान कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनपर विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं को उच्च स्वास्थ्य केंद्रों में भेजकर गर्भवती महिला की बीपी, सुगर और वजन के साथ साथ अन्य आवश्यक जांच कराई जाती है और आवश्यक मेडिकल दवाओं का लाभ दिया जाता है। इसके साथ साथ ऐसे उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं को विशेष परिस्थितियों में चिकित्सक से सम्पर्क करने और चिकित्सकों के निर्देश के अनुसार मेडिसिन का लाभ उठाने की आवश्यक सलाह दी जाती है। सिविल सर्जन ने कहा कि अप्रैल माह हुए प्रसव पूर्व जांच में पूर्णिया जिले के 137 उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया है। ऐसे गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से चिकित्सक से आवश्यक जांच कराने और मेडिकल सहायता के साथ पोषण पर भी विशेष ध्यान रखने की जानकारी दी जाती है। समय पर प्रसव पूर्व जांच कराने से गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव की परिस्थिति बढ़ जाती है और प्रसव के बाद माँ एवं बच्चे बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित रह सकते हैं।