अनीमिया मुक्त भारत के लिए स्कूलों में चलाया जा रहा जांच अभियान

अनीमिया मुक्त भारत के लिए स्कूलों में चलाया जा रहा जांच अभियान

  • स्कूल में उपस्थित बच्चों की की जा रही हीमोग्लोबिन जांच, पता चलता है अनीमिया का स्तर
  • अनीमिया मुक्ति के लिए लोगों को खिलाई जाती है आयरन फोलिक एसिड की गोली
  • फरवरी तक आईएफए की दवा खिलाने में पूर्णिया का राज्य में तीसरा स्थान

पूर्णिया, 15 अप्रैल

जिले में लोगों को अनीमिया से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है। इसके लिए अधिक उम्र के लोगों की अस्पताल में जांच करने के साथ साथ बच्चों का स्कूल स्तर पर जांच किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूलों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा शिविर लगाकर उपस्थित बच्चों का कुछ बूंद खून लेकर हीमोग्लोबिन जांच की जा रही है।

जांच में बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर 11 से अधिक होने पर उसे अनीमिया मुक्त पाया जाता है लेकिन 11 से कम हीमोग्लोबिन स्तर वाले बच्चों के अनीमिया ग्रसित होने की जानकारी संबंधित अभिभावकों को देते हुए उन्हें अनीमिया से सुरक्षित रखने के लिए आयरन फोलिक एसिड (आई.एफ.ए.) की दवा उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ साथ संबंधित बच्चों को अनीमिया से सुरक्षा के लिए आयरन की दवा के साथ साथ घर में पौष्टिक आहार का सेवन करने की जानकारी दी जाती है जिससे कि उनके शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर ठीक हो सके और बच्चे अनीमिया से सुरक्षित रह सकें।

स्कूल में उपस्थित बच्चों की की जा रही हीमोग्लोबिन जांच, पता चलता है अनीमिया का स्तर :

प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ओ. पी. साहा ने बताया कि अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिरामल फाउंडेशन स्वास्थ्य के सहयोग से जिले के सभी प्रखंडों के चिन्हित स्कूलों में T3 जांच शिविर लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा T3 कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा स्कूल में उपस्थित बच्चों की अनीमिया जांच करते हुए ग्रसित बच्चों की पहचान कर उनका इलाज कराना सुनिश्चित किया जा रहा है।

इसके साथ साथ संबंधित बच्चों के परिजनों की काउन्सलिंग करते हुए उन्हें अनीमिया से होने वाले समस्या की जानकारी के साथ इससे सुरक्षित रहने के लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्कूल में गंभीर और अत्यंत गंभीर अनीमिया से ग्रसित बच्चों की नजदीकी अस्पताल में पुनः जांच करवाते हुए बच्चों को आयरन की दवा उपलब्ध कराई जाती है।

दवा के साथ बच्चों को अनीमिया मुक्त होने के लिए घर में पौष्टिक आहार का सेवन करने की जानकारी दी जाती है। घरेलू पौष्टिक आहार का सेवन करने से व्यक्ति के शरीर में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट आदि का संतुलन बना रहता है और उससे उनके शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर नियंत्रण रहता है। इसलिए सभी को इसका नियमित रूप से सेवन करते हुए स्वयं को अनीमिया से सुरक्षित रखना चाहिए।

अनीमिया मुक्ति के लिए लोगों को खिलाई जाती है आयरन फोलिक एसिड की गोली :

पिरामल फाउंडेशन के जिला लीड संजीव कुमार ने बताया कि अलग अलग आयुवर्ग के लोगों में अनीमिया ग्रसित होने का प्रभाव अलग अलग होता है। बच्चों का अनीमिया ग्रसित होने पर उनके मानसिक स्वास्थ्य में कमी होती है तो वयस्कों के अनीमिया ग्रसित होने पर कार्यक्षमता में कमी होती है। वयस्कों के मांसपेशियों में दर्द, चिड़चिड़ापन, मोटापा, अनियमित हृदय गति का होना आदि अनीमिया ग्रसित होने के लक्षण हो सकते हैं।

लोगों को अनीमिया से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयरन फोलिक एसिड (आई.एफ.ए.) की दवा खिलाई जाती है। इसके लिए 06 माह से 59 माह के बच्चों को सप्ताह में दो बार आईएफए की 01 एमएम की सिरप दी जाती है। वहीं 05 साल से 09 साल के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों व प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा सप्ताह में एक बार आईएफए की एक गुलाबी गोली खिलाई जाती है। स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को आशा के माध्यम से गृह भ्रमण के दौरान दवा सेवन कराया जाता है। वहीं 10 से 19 साल के किशोर-किशोरियों को हर सप्ताह आईएफए की एक नीली गोली, 20 से 24 वर्ष आयु वर्ग के प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं को हर सप्ताह आईएफए की एक लाल गोली आरोग्य स्थल पर आशा कर्मियों के माध्यम से खिलाया जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को गर्भ के चौथे महीने के बाद व धात्री महिलाओं को प्रसव के उपरांत प्रतिदिन खाने के लिये आईएफए की 180 गोली स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है।

फरवरी तक आईएफए की दवा खिलाने में पूर्णिया का राज्य में तीसरा स्थान :

खून में हीमोग्लोबिन स्तर कम होने वाले लोगों के लिए आयरन फोलिक एसिड की गोली दवा नहीं बल्कि एक पौष्टिक आहार के रूप में सहयोग प्रदान करता है। इसका सेवन लाभार्थी का खून और लाल होने के साथ साथ उनके संक्रमण को दूर करते हुए उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहयोग प्रदान करता है। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 तक जिले में 06-59 माह के 24.9 प्रतिशत बच्चों को, 5-9 साल के 32.7 प्रतिशत बच्चों को, स्कूलों में कक्षा 06 से 12 तक के बच्चों के लिए 48.1 प्रतिशत और स्कूल से वंचित 10.1 प्रतिशत बच्चियों को आईएफए की दवा खिलाई गई है। इसके साथ साथ स्कूल में और स्कूल से बाहर रहने वाले 36.9 प्रतिशत बच्चों को भी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आईएफए की गोली खिलाई गई है। बच्चों को अनीमिया से सुरक्षा के लिए आईएफए की गोली खिलाने में पूर्णिया राज्य में तीसरा स्थान रह है।

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