जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित
- ओपीडी में डॉक्टरों को अधिक से अधिक मरीजों को जांच करने का मिला निर्देश
- टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से गांव-गांव तक सेवा पहुँचने का करें प्रयास : जिलाधिकारी
- गर्भवती माताओं की एएनसी जांच ढंग से करवाने का दिया गया निर्देश
- सभी प्रखंड में आंगन वाड़ी केंद्र
समय पर खुलने की होगी जांच: जिलाधिकारी,
मंगलवार को समाहरणालय स्थित प्रज्ञान सभागार में जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार द्वारा सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित ओपीडी में ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच करने का निर्देश देते हुए, टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से गांव गांव के समान्य मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, डीपीएम स्वास्थ्य सोरेंद्र कुमार दास, डीएमओ डॉ आर पी मंडल, डीआईओ डॉ विनय मोहन,आईसीडीएस डीपीओ रीना श्रीवास्तव, यूनिसेफ डीसी शिव शेखर आनंद, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला सहित सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य अधिकारी व आईसीडीएस सीडीपीओ उपस्थित रहे।
ओपीडी में डॉक्टरों को अधिक से अधिक मरीजों को जांच करने का निर्देश
जिलाधिकारी श्री कुन्दन कुमार द्वारा सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य केंद्रों में उपस्थित सभी डॉक्टरों द्वारा ओपीडी में जांच कर रहे मरीजों की जानकारी ली गई। सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि जिला में ओपीडी जांच 78 प्रतिशत हुआ है। रुपौली और भवानीपुर में ओपीडी सेवा अच्छा हुआ है। जिलाधिकारी द्वारा वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को वहां पर नियमित बेहतर ओपीडी सेवा देने का निर्देश दिया है। जिससे कि वहां के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए बाहर नहीं जाना पड़े । इस दौरान जिलाधिकारी ने धमदाहा में हार्निया मरीज का सफल ऑपरेशन और बैसा में ब्लड प्रेशर मरीज का सफल इलाज करने पर संबंधित डॉक्टरों की प्रसन्नता की है। जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार द्वारा सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को बेहतर चिकित्सा देते हुए उसका सक्सेस स्टोरी रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी द्वारा कहा कि बनबनखी में डॉक्टरों द्वारा ओपीडी जांच में हो रही कमी को दूर करने के लिए सिविल सर्जन द्वारा जिला स्तर की टीम बनाकर बनबनखी में उपस्थित डॉक्टरों के साथ बैठक आयोजित कर हो रही कमी को दूर किया जाए। जिस स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की कमी है उसका रिपोर्ट किया जाए जिससे कि ओपीडी में उपस्थित सभी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके। इस दौरान जिले के सभी प्रखंडों के ओपीडी में ज्यादा मरीजों की जांच करने वाले 03 डॉक्टरों को जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। इसमें पहला स्थान मिले शहरी पीएसी के डॉ आर पी सिंह द्वारा ओपीडी में 2161 मरीजों की जांच की गई है। दूसरे स्थान मिले रेफरल अस्पताल अमौर के डॉ नवल किशोर भारती द्वारा ओपीडी, आकस्मिक कक्ष और अन्तःवासिय मरीज कक्ष में कुल 1886 मरीजों की जांच की गई है और तीसरा स्थान मिले रेफरल अस्पताल रुपौली के डॉ मदन मोहन द्वारा ओपीडी, आकस्मिक कक्ष और अन्तःवासिय मरीज कक्ष में कुल 1884 मरीजों की जांच की गई है। जिलाधिकारी द्वारा अन्य डॉक्टरों को भी उनके तरह ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच कर उन्हें स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से गांव-गांव तक सेवा पहुँचने का करें प्रयास: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार द्वारा टेलीकंस्लटेंसी में पूर्णिया जिले के बेहतर प्रदर्शन के लिए सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा कहा गया कि टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से दूर दूर के मरीजों को आसानी से मेडिकल सहायता मिल सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग सामान्य बीमारी से ग्रसित होते हैं लेकिन व्यवस्था नहीं होने के कारण इलाज नहीं करवाते हैं।
टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से लोग नजदीकी अस्पताल उपकेंद्र, एपीएचसी या हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर पहुँचकर ऑनलाइन माध्यम से प्रखंड के योग्य चिकित्सकों से मेडिकल सहायता ले सकते हैं। उसके बाद डॉक्टर के निर्देश पर एएनएम के द्वारा संबंधित बीमारी की आवश्यक दवाई लेकर उसका उपयोग कर स्वस्थ रह सकते हैं। टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से गांव गांव के लोगों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने का सभी अधिकारियों को प्रयास करना चाहिए।
टेलीकंस्लटेंसी में पूर्णिया राज्य में पहला स्थान प्राप्त कर चुका है। सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को इसमें विशेष फोकस करना है ताकि पूर्णिया हमेशा टेलीकंस्लटेंसी में पहले स्थान पर रह सके। इसके लिए आंगन बाड़ी के कर्मियों को भी जोड़ने का जिलाधिकारी महोदय ने निर्देश दिया है। आंगनवाड़ी के माध्यम से स्थानीय लोगों को टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए आईसीडीएस विभाग को भी निर्देश दिया गया है।
गर्भवती माताओं की एएनसी जांच ढंग से करवाने का निर्देश
जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार ने सभी अधिकारियों को जिले के सभी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) नियमित रूप से करवाने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि एएनसी जांच सही ढंग से नहीं होने के कारण जिले में स्टिल बर्थ के बच्चों को संख्या बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार जिले में वर्तमान में 791 गर्भवती महिला हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की हैं।
ऐसे गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर प्रसव के लिए बेहतर स्वास्थ्य केंद्र भेजना सुनिश्चित करें। गर्भवती महिलाओं के पोषाहार पर भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। जिसके लिए उन्हें जागरूक किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी महोदय द्वारा शहरी पीएचसी में गर्भवती महिलाओं की जांच सुनिश्चित करने के लिए सिविल सर्जन को जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को नियोजित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा जिलाधिकारी महोदय द्वारा सभी बच्चों की नियमित टीकाकरण की जानकारी भी तत्काल रिपोर्ट करने के लिए सभी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया है।
सभी प्रखंड में आंगन वाड़ी केंद्र समय पर खुलने की होगी जांच
समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी श्री कुंदन कुमार द्वारा आईसीडीएस अधिकारियों को सभी आंगनवाड़ी केंद्र को समय पर खुलवाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी महोदय द्वारा डीपीओ आईसीडीएस को प्रतिदिन चेक करने तथा कौन सा आंगन वाड़ी केंद्र खुल रहा है और कौन से नहीं।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस को हर दिन ग्रामीण क्षेत्रों का रिपोर्ट एलएस एवं सीडीपीओ से प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। आंगनवाड़ी केंद्र में सभी बच्चों को मीनू के अनुसार एवं आवश्यक पोषाहार और उपलब्ध सुविधाओं का भी नियमित तौर से जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।