प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनना तो दूर की बात, संयोजक बनने में भी सफल नहीं हुए नीतीश कुमार

साथ रहकर अपना स्वार्थ साधने में लगे दलों,नेताओं औऱ अधिकारी ने महत्वाकांक्षा बढबाकर मुख्यमंत्री का कद कराया छोटा, खड़ा कराया चौराहे पर—–विजय कुमार सिन्हा,

प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनना तो दूर की बात, संयोजक बनने में भी सफल नहीं हुए नीतीश कुमार,

राजनीतिक अनिश्चितता कर रहा है बिहार को बर्बाद,प्रशासनिक अराजकता के कारण अपराध चरम पर,

सत्ता के दो केंद्र रहने के कारण बिहार हुआ बदहाल,अस्थिरता बना बिहार का अभिशाप,बिहार को अपराध औऱ भ्रष्टाचार से बचाने के लिये शीघ्र लें नया जनादेश का निर्णय।

पटना,20 दिसम्बर 2023

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के साथ रहकर अपना स्वार्थ साधने में लगे लोगों के द्वारा इनका महत्वाकांक्षा बढबाकार इनका कद छोटा करा दिया गया।अब ये राजनीति के चौराहे पर खड़े हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार में सरकार में शामिल महागठबंधन के लोगों के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर इनका महत्व नहीं दिया जा रहा है।राजद द्वारा रोड़ा खड़ा करना स्वभाविक है।पर जदयू के इनके प्रिय नेता राजद के खेल में साथ देते हैं।अधिकारीगण इन्हें वास्तविकता का भनक नहीं लगने देते हैं।मुख्यमंत्री जी का स्वास्थ्य भी अब पहले जैसा नहीं है।सबों ने मिलकर ऐसा षडयंत्र रचा कि प्रधानमंत्री का उम्मीदवार तो दूर ये इंडी गठबंधन का संयोजक भी नहीं बन पाए।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण सरकारी कामकाज पर खराब असर पड़ा है।इसी के कारण प्रशासनिक अराजकता बढ़ी है और अपराध चरम पर है।समस्तीपुर, जमुई ,बेगूसराय,सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर सहित राज्य के सभी जिलों में अपराधियों औऱ माफियाओं पर कार्रवाई करने में पुलिस सफल नहीं हो रही है।पुलिस द्वारा कार्रवाई किये जाने पर उनकी हत्या कर दी जाती है। अभी तक आधा दर्जन से अधिक दारोगा औऱ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई।हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार आदि की घटनाओं से बिहार में 1990 के दशक का जंगल राज की याद ताजा हो गई।आमजन भयभीत हैं।थानों में पुलिस के द्वारा केस दर्ज नहीं किया जाता है।प्राथमिकी दर्ज कराने में पुलिस को पैसा देना पड़ता है।बिहार की दिनानुदिन हो रही बर्बादी पर मुख्यमंत्री मौन हैं।दहशत का वातावरण बिहार में व्याप्त है।

श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री को वास्तविकता स्वीकार करना चाहिये।यह क्षण कठोर निर्णय लेने का है।राज्य को वदहाली से निकालने के लिए उन्हें शीघ्र नया जनादेश का निर्णय लेना चाहिए।अपराधियों औऱ माफियाओं द्वारा समानांतर सरकार चलाई जा रही है।अधिकारी सरकार से ज्यादा इनके मददगार और विश्वास पात्र हैं।मंत्री की बात अधिकारी नहीं सुनते हैं।जनता की समस्याओं के लिए बने लोक शिकायत निवारण केंद्र द्वारा पारित आदेश जेब में लेकर लोग घूम रहे हैं।सी ओ औऱ दरोगा भी इन आदेशों की अवहेलना करते हैं।नया जनादेश और नयी सरकार के बिना राज्य की बर्बादी औऱ भ्रष्टाचार को रोकना सम्भव नहीं है।

श्री सिन्हा ने कहा कि जिस प्रकार दो राजा होने पर राज्य की दुर्दशा होती है उसी प्रकार बिहार में सत्ता का दो केंद्र के कारण राज्य में अस्थिरता कायम हो गई।अनिश्चितता और अस्थिरता के माहौल में विकास और जन कल्याण सरकार की प्राथमिकता से बाहर हो गई।विधानसभा भंग कर जल्द चुनाव राज्य के लिए एक मात्र रास्ता है।

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