जिलाधिकारी और भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने खाई पहली खुराक, फाइलेरिया मुक्ति के लिए जिले में शुरू हुआ सर्वजन दवा सेवन अभियान
- फाइलेरिया बीमारी को रोकने के लिए लोगों को दवा सेवन आवश्यक : जिलाधिकारी
- 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को खिलाई जाएगी दवा : डॉ जे पी सिंह
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं भ्रमणशील टीम के सामने ही खिलाई जानी है दवाई : डॉ दिलीप
- फाइलेरिया ग्रसित मरीजों द्वारा भी घर घर भ्रमण कर लोगों को दवा खाने के लिए किया जाएगा जागरूक
कटिहार, 10 फरवरी
जिले में सामान्य लोगों के फाइलेरिया नियंत्रण के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की शुरुआत कटिहार जिलाधिकारी रवि प्रकाश द्वारा स्काटिस पब्लिक स्कूल में दीप जलाकर किया गया। इस दौरान विद्यालय में लोगों के सेवन के लिए उपलब्ध दवाई की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी रवि प्रकाश द्वारा स्वयं दवाई खाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। उसके बाद उन्होंने जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह और उपस्थित अन्य अधिकारियों और बच्चों के दवाई खाने की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया मरीजों की बनाई गई पेशेंट प्लेटफार्म के फाइलेरिया ग्रसित मरीज राजकुमार श्रीवास्तव को भी दवाई खिलाकर अन्य लोगों को दवाई सेवन करने के लिए जागरूक करने की अपील की।
इसके बाद जिलाधिकारी रवि प्रकाश द्वारा स्कोटिस पब्लिक स्कूल से आमलोगों को फाइलेरिया की दवाई सेवन करने हेतु जागरूकता रथ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी रवि प्रकाश के साथ जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह, भीडीसीओ एन के मिश्रा, डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार, एसएमओ डॉ मो सुभान अली, पिरामल स्वास्थ्य के डीपीओ चंदन कुमार, एसडीसी अभिमन्यु चौधरी, पिरामल डीसी अमित कुमार, सीफार डीसी पल्लवी कुमारी, सीफार एडीसी अमन कुमार, सीफार बीसी भीम कुमार, पीसीआई डीएमसी स्वर्णाभ शेखर, एसएमसी तपेश यादव, कटिहार सदर पीएचसी भीबीडीसी संजीव कुमार सहित अन्य अधिकारी, विद्यालय प्रधानाध्यापक, शिक्षक और सभी बच्चे उपस्थित रहे।
फाइलेरिया बीमारी को रोकने के लिए लोगों को दवा सेवन आवश्यक : जिलाधिकारी
जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने उपस्थित बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि फाइलेरिया बीमारी को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा इस कार्यक्रम को सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम कहते हैं। किसी बीमारी को खत्म करने के दो तरीके होते हैं पहला प्रिवेंटिव (निवारक) और दूसरा क्यूरेटिव (रोग निरोधक)। प्रीवेंशन होता है जब हम कोई बीमारी को आने ही नहीं देते। जैसे हम सभी लोग बहुत तरह के वैक्सीन लेते हैं- हेपेटाइटिस बी, मिजल्स रूबेला, टेटनस आदि का ताकि ये बीमारियां हमारे शरीर में नहीं हो। उसी तरह आज खिलाया जाने वाला एक दवाई है जो किसी भी व्यक्ति के शरीर में फैले फाइलेरिया के कीटाणु को नष्ट कर देता है।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया किसी भी व्यक्ति को क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक बीमारी है। हमारे शरीर में भी ये कीटाणु हो सकता है। पूरे कटिहार जिले में तीन हजार से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। इसलिए ये बीमारी हमें नहीं हो इसके लिए हमसभी लोगों को दो दवाई डीईसी और एल्बेंडाजोल खिलाया जाता है। ये दवाई हमें इसलिए नहीं खिलाई जाती है कि हमारे अंदर ये कीटाणु उपलब्ध है लेकिन ये हमारे शरीर में नहीं हो इसके लिए सभी लोगों को इस दवाई का शत प्रतिशत सेवन करना चाहिए। ये दवाई हमारे शरीर में छुपे उस कीटाणु को खत्म कर देता है। जिलाधिकारी ने सभी लोगों को नास्ता या खाना खाने के बाद इस दवाई का सेवन करने की अपील की है।
02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को खिलाई जाएगी दवा : डॉ जे पी सिंह
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल 41 लाख 67 हजार 796 जनसंख्या है। इसमें से 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अतिगंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को छोड़कर सभी लोगों को सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत दवाई खिलाई जाएगी। आशा या सेविका दीदी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक घरों का भ्रमण कर सभी व्यक्तियों को अपने ही सामने डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की दवा खिलायी जायेगी। इसके लिए जिले में 1727 टीम बनाई गई है।
प्रत्येक टीम में दो आशा/सेविका शामिल रहेंगे। लोगों तक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 159 पर्यवेक्षको की तैनाती की गई हैं। डॉ जे पी सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल 3002 व्यक्ति फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हैं। इसमें 2638 लोग हाथीपांव से ग्रसित हैं, तो 364 लोग हाइड्रोसील की समस्या से ग्रसित हैं। अन्य लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सके इसके लिए सभी लोगों को एमडीए कार्यक्रम के दौरान अपने घर में आशा/सेविका द्वारा खिलाए जा रहे दवा का सेवन करना चाहिए जिससे कि फाइलेरिया बीमारी को खत्म किया जा सके।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं भ्रमणशील टीम के सामने ही खिलाई जानी है दवाई : डॉ दिलीप
डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए 02 से 05 आयुवर्ग के बच्चों को डीईसी की एक गोली, 05 से 14 आयुवर्ग वाले लाभार्थियों को 02 गोली जबकि इससे ऊपर आयुवर्ग के लोगों को 03 गोली खिलाया जाना है। इसके साथ में सभी लक्षित वर्ग को एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाया जाएगा। लोगों को एल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खानी है। उन्होंने बताया कि डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक सभी लोगों को भ्रमणशील टीम के सामने ही खानी है। यह दवा लोगों को खाना खाने के बाद ही लेना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलायें एवं एक सप्ताह तक की धातृ महिला व गंभीर रूप से ग्रसित व्यक्तियों को इस दवा का सेवन नहीं करना है।
फाइलेरिया ग्रसित मरीजों द्वारा भी घर घर भ्रमण कर लोगों को दवा खाने के लिए किया जाएगा जागरूक
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने बताया कि एमडीए कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पेशेंट सपोर्ट ग्रुप और पेशेंट प्लेटफार्म द्वारा भी सहयोग किया जाएगा। इसमें शामिल फाइलेरिया ग्रसित मरीजों द्वारा आसपास के लोगों को बताया जाएगा कि फाइलेरिया ग्रसित होने से किस प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इसका कोई इलाज भी नहीं होता इसकी जानकारी दी जाएगी जिससे कि लोग इस बीमारी को होने से पहले ही खत्म करने के लिए आशा/सेविका कर्मियों द्वारा खिलाए जा रहे दवा का सेवन जरूर करें। उन्होंने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान लाभार्थियों के आवासीय परिसर के दीवार पर आशा/सेविका कर्मियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा चिन्हित किया जाएगा। इसमें भ्रमणशील टीम एवं परिवार संख्या के साथ ही दिनांक को भी अंकित करना है। ताकि स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम की सफ़लता को लेकर निरीक्षण के दौरान संबंधित जानकारी आसानी से लिया जा सके।