08जनवरी 2024,
बढ़ते ठंड और शीतलहर के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार
सभी प्रखंड के एएनएम एवं आशा कर्मियों द्वारा लोगों को ठंड ग्रसित होने के लक्षण और बचाव के लिए किया जाएगा जागरूक
आवश्यकता अनुसार ऊनी गर्म कपड़ों के साथ निकलें बाहर ।
ठंड में 05 साल से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया का खतरा
जिले में बढ़ते ठंड और शीतलहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग विशेष तैयारी में जुट गया है। सभी अस्पतालों में ठंड के मरीजों के देखभाल के लिए आवश्यक दवाई के साथ गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की प्रक्रिया के लिए विशेष वार्ड बनाने के लिए सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी द्वारा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, पूर्णिया के अधीक्षक सहित जिले के सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को ठंड से ग्रसित मरीजों की समुचित उपचार करने हेतु आवश्यक दवाई का भंडारण करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ साथ सभी अस्पतालों में ठंड से ग्रसित मरीजों को भर्ती करने के लिए विशेष वार्ड बनाकर उसमें आवश्यक बेड, हीटर आदि सुनिश्चित करने भी निर्देश दिया गया है।
ठंड ग्रसित होने के लक्षण और बचाव के लिए किया जाएगा जागरूक
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि बढ़ते ठंड में बिना सुरक्षा के बाहर निकलने के कारण लोग बहुत सी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इससे सुरक्षित रहने के लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी प्रखंड में कार्यरत एएनएम एवं सामुदायिक स्तर पर आशा कर्मियों द्वारा लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। उनके द्वारा अपने क्षेत्रान्तर्गत लोगों को शीत लहर एवं ठंड से होने वाले बीमारियों के लक्षण एवं इससे बचाव के लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ साथ क्षेत्र में ठंड से बीमार होने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें बेहतर उपचार के लिए अस्पताल भेजने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि शीत लहर या ठंड लगने पर ग्रसित मरीजों में विभिन्न लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें शरीर का ठंड होना और अंगों का सुन्न पड़ना, अत्यधिक कंपकपी या ठिठुरन होना, बार-बार उल्टी होना और शौच लगना, शरीर में थकान महसूस होना और इसका अत्यधिक सुस्त होना, अर्धबेहोशी या बेहोश होना आदि व्यक्ति के ठंड से ग्रसित होने के लक्षण होते हैं। ऐसा होने पर संबंधित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर चिकित्सकों द्वारा जांच करवाते हुए उपलब्ध दवाई का सेवन कर सुरक्षित होना चाहिए।आवश्यकता अनुसार ऊनी गर्म कपड़ों के साथ निकलें बाहर
जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने बताया कि बढ़ते ठंड में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ठंड में लोगों को जबतक बाहर जाने की आवश्यकता नहीं हो घरों में ही रहना चाहिए। मुख्य रूप से बच्चों और वृद्ध लोगों को जल्द ठंड लगने की संभावना रहती है। बढ़ते ठंड के कारण उन्हें पूरी सुरक्षा के साथ घरों में ही रहने की जरूरत है। शरीर में उष्मा के प्रभाव को बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
बंद कमरों में जलते हुए लालटेन, दिया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध करना जरूरी है। प्रयोग करने के बाद इसे अच्छी तरह से बुझा कर ही छोड़ना चाहिए। हीटर, ब्लोअर आदि उपयोग करने पर इसे बंद जरूर करना चाहिए ताकि कमरे में ज्यादा धुआं नहीं हो सके। शरीर को निर्जलीकरण से बचाने के लिए शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। बढ़ती ठंड में भी घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो शरीर में समुचित ऊनी एवं गर्म कपड़ों को पहनकर ही निकलना चाहिए। बाहर निकलते समय अपने सिर, चेहरा, हाथ और पैर को भी ऊनी कपड़ों के सुरक्षित रखना चाहिए। इसके साथ साथ उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं हृदय रोग से ग्रसित मरीजों को नियमित दवाओं का सेवन करते हुए चिकित्सक के सम्पर्क में भी रहना चाहिए।
ठंड में 05 साल से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया का खतरा
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि ठंड के मौसम में 05 साल से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया होने का खतरा रहता है। निमोनिया एक गंभीर बीमारी है जो 05 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। बच्चों के खांसी और जुकाम का बढ़ना, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना या छाती का अंदर धसना, तेज बुखार होना आदि निमोनिया होने के लक्षण हैं। ऐसे स्थिति में बच्चों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सक को दिखाते हुए दिए गए दवाइयों का उपयोग करते हुए बच्चों का जीवन सुरक्षित रहना चाहिए।