आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों में टीएचआर का वितरण
-आईसीडीएस डीपीओ द्वारा विभिन्न केंद्रों का निरीक्षण कर ली गई जानकारी
आंगनबाड़ी केंद्रों में हर माह गर्भवती-धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों में होता टीएचआर का वितरण
पोषण ट्रैकर एप पर दर्ज होती है जानकारी
पूर्णिया, 22 दिसंबर।
आंगनबाड़ी केंद्रों के फिर से शुरू हो जाने से क्षेत्र की सभी गर्भवती-धात्री महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण का समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) द्वारा ध्यान रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ दिनों की हड़ताल के बाद इस माह से जैसे ही आंगनबाड़ी केंद्र शुरू हुए क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों को उनके पोषण के लिए आवश्यक सुविधा मिलने की शुरुआत हो गई।
शुक्रवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) का वितरण किया गया। बच्चों और गर्भवती-धात्री महिलाओं को पर्याप्त सूखा राशन वितरण की जांच के लिए आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) रीना श्रीवास्तव द्वारा डगरुआ प्रखंड की विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते हुए इसकी जानकारी ली गई।
इस दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक निधि प्रिया एवं जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार भी उपस्थित रहे।
आंगनबाड़ी केंद्रों में हर माह गर्भवती-धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों में होता है टीएचआर का वितरण
आईसीडीएस डीपीओ रीना श्रीवास्तव ने बताया कि गर्भवती-धात्री महिलाओं और नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनका सही पोषण सेवन करना आवश्यक है। सही पोषण लेने से ही उनके शरीर का विकास हो सकता है जिससे बच्चे स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकते हैं।
इसके लिए हर माह आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती-धात्री महिलाओं, कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को सही पोषण देने के लिए टेक होम राशन का वितरण किया जाता है। इस दौरान सभी को एक माह तक के लिए चावल, दाल, सरसो तेल और सोयाबीन का वितरण किया जाता है।
इसका सेवन करने से महिलाओं और बच्चों के शरीर में कमजोरी नहीं होती और होने वाला या जन्म हुआ बच्चा बिल्कुल स्वस्थ और तंदुरुस्त होता है।
पोषण ट्रैकर एप पर दर्ज होती है जानकारी पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि आईसीडीएस के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों को पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से रिपोर्ट किया जाता है।
एप के माध्यम से कुपोषण से आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्रों में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, शून्य से लेकर तीन वर्ष के बच्चे, 03 से 06 वर्ष के बच्चे, किशोर एवं किशोरियों के साथ आंगनबाड़ी के अंतर्गत पोषक क्षेत्र के कुपोषित-अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी और उन्हें मिलने वाले टीएचआर वितरण की जानकारी अपलोड की जाती है ।
जिससे सभी गर्भवती-धात्री महिलाओं और बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग आईसीडीएस द्वारा आसानी से की जा सकती है।