146 सांसदों के निष्कासन के खिलाफ इंडिया गठबंधन का देशव्यापी धरना प्रदर्शन

146 सांसदों के निष्कासन के खिलाफ इंडिया गठबंधन का देशव्यापी धरना प्रदर्शन सभा आयोजित

विपक्ष मुक्त भारत बनाने एवं आम जनता की आवाज को कुचलने की नापाक इरादे को कामयाब होने नहीं दिया जाएगा, का लिया संकल्प

खगड़िया।

इंडिया गठबंधन के बैनर तले देशव्यापी आह्वान पर 146 सांसदों को निष्कासित करने के खिलाफ समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन सभा किया गया।धरना प्रदर्शन में तानाशाह मोदी सरकार गद्दी छोड़ो, पीएम नरेंद्र मोदी हाय हाय मुर्दाबाद,

निलंबित सांसदों को पुनः सदस्यता बहाल करना होगा, विपक्ष मुक्त भारत बनाने का मनुवादी सोच नहीं चलेगा, लोकतंत्र की हत्या करना बंद करो, मोदी सरकार का कुर्सी उखाड़ फेंको, लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ, देश बचाओ गगनभेदी नारों से वातावरण गूंजारमान रहा।

सभा की अध्यक्षता कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान ने किया तथा सफल मंच संचालन कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अरुण कुमार ने किया।सभा को जदयू के पूर्व विधायक पूनम देवी यादव, कांग्रेस के विधायक छत्रपति यादव, राजद के जिला अध्यक्ष मनोहर कुमार यादव,

जदयू के जिला अध्यक्ष बबलू मंडल, भाजपा के जिला मंत्री प्रभाकर सिंह, माकपा के जिला सचिव संजय कुमार, देश बचाओ अभियान के संस्थापक अध्यक्ष किरण देव यादव, देश बचाओ अभियान के महासचिव सह आजपा राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष उमेश ठाकुर, देश बचाओ अभियान के संयोजक सह आजपा के प्रदेश सचिव मधुबाला,

देश बचाओ अभियान के सचिन धर्मेंद्र कुमार, भाकपा माले के प्राणेश कुमार, आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष चुन्नू सिंह, स्वराज अभियान के प्रदेश नेता विजय सिंह, राजद के नंदलाल मंडल, नरेश साहनी, विनोद यादव पूर्व अध्यक्ष संजीव कुमार, कुमार रंजन पप्पू, बेबी रानी, रंजू साहनी,

राकेश यादव, जदयू नेता उमेश पटेल, दिलीप पोद्दार सरोजनी देवी, कांग्रेस पार्टी के अखिलेश चंद्र विद्यार्थी, इशरत खातून, सीमा देवी, रोशन चंद्रवंशी, भाकपा के प्रभाशंकर सिंह, पुनीत मुखिया, रमेश चंद्र सिंह, भाकपा माले के सुभाष सिंह अभय वर्मा, माकपा के सुरेंद्र महतों, अनिल वर्मा, आदि दर्जनों इंडिया गठबंधन के नेताओं ने ओजस्वी संबोधन किया।

इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि भारतीय इतिहास में 146 सांसदों को एक साथ निष्कासित करने की पहली घटना है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है एवं तानाशाह का प्रतीक है। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र एवं संविधान की हत्या घोर निंदनीय है।

करोड़ों देशवासियों के प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों को निष्कासित कर आम आवाम की आवाज को कुचला गया है। विपक्ष मुक्त भारत बनाने का नापाक इरादे को, मनुवादी सोच को, आरएसएस के गद्दार सावरकर के अनुयाइयों को मरते दम तक भी ठीक है कामयाब होने नहीं दिया जाएगा।

नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को कुर्सी से उखाड़ फेंकने के लिए जनता से अपील किया। वक्ताओं ने कहा कि जब तक निष्कासन वापस नहीं लिया जाएगा तब तक सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन तेज किया जाएगा।

नेताओं ने कहा कि मोदी की सरकार जुमलेबाज, संविधान, लोकतंत्र , एवं आमजन विरोधी है। मोदी सरकार ने 2 करोड़ नौजवानों को प्रति वर्ष रोजगार देने की बात कहकर रोजगार छीन लिया।

देश को निजीकरण के तहत देश की सभी विभाग एवं संपदा को कौड़ी के भाव अडानी अंबानी को बेच दिया। महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार चरम पर है। रोजगार की मांग करने वाले आंदोलनकारी को जंतर मंतर पर लाठी चार्ज कर गिरफ्तारी की जा रही है।

जनधन योजना का खाता खुलवाकर 15 लाख रुपया खाता पर देने की बात कह कर तथा नोटबंदी कर आम जनता की रुपए को बैंक में भरकर अदानी अंबानी के पीछे लूट एवं लूटा रही है।

मणिपुर की घटना पर एवं देश की तमाम समस्याओं पर सरकार चुप्पी साधे हुए हैं, जब विपक्षी सांसद सदन में आवाज उठाती है तो निष्कासित कर दी जाती है। नेताओं ने “हिटलरशाही नहीं चली तो तानाशाही नहीं चलेगी, मोदीशाही नहीं चलेगी, नारों को बुलंद किया।

नेताओं ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर के द्वारा बने संविधान को समाप्त कर मनुवादी संविधान मोदी की सरकार लाना चाहती है, इसके खिलाफ देश की आम आवाम मोदी सरकार को गद्दी से बेदखल करने का निर्णय ले चुकी है।जदयू नेता उमेश पटेल ने धनबाद ज्ञापन किया।

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